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Himachal: मानसून की मार से एक हफ्ते में 31 की मौत, करोड़ों की संपत्ति नष्ट

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Shimla। हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक इस बार तबाही लेकर आई है। 20 जून को शुरू हुए मानसूनी सीजन ने पहले ही सप्ताह में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के कांगड़ा और कुल्लू जिलों में बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और सड़क दुर्घटनाओं ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। बीते एक सप्ताह में वर्षा जनित विभिन्न हादसों में अब तक 31 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 66 लोग घायल हुए हैं।

20 से 27 जून के बीच सबसे अधिक 17 मौतें सड़क हादसों में हुई हैं

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 20 से 27 जून के बीच सबसे अधिक 17 मौतें सड़क हादसों में हुई हैं। इसके अलावा फ्लैश फ्लड में 5 लोग मारे गए हैं, पानी के तेज बहाव में बहने से 4, पहाड़ी से फिसलने से 2, करंट लगने और सांप के काटने से एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। अन्य एक व्यक्ति की जान अन्य कारणों से गई है। सबसे ज्यादा मौतें कांगड़ा जिले से सामने आई हैं जहां 10 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।

अब तक 37 मवेशियों की मौत हो चुकी है और 4 लोग लापता बताए जा रहे हैं

मानसून की शुरुआत से ही राज्य में आपदा जैसे हालात बन गए हैं। अब तक 37 मवेशियों की मौत हो चुकी है और 4 लोग लापता बताए जा रहे हैं। छह घर पूरी तरह से ढह गए हैं जबकि आठ मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है। साथ ही सात दुकानें, आठ पशुशालाएं और एक घराट भी मलबे में तब्दील हो चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार केवल एक सप्ताह में राज्य को करीब 29.16 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है।

मौसम विभाग ने आगामी 3 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी दी है

राज्य के अधिकांश हिस्सों में शनिवार को भी बारिश जारी रही। मौसम विभाग ने आगामी 3 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। विशेष रूप से 29 जून को भारी वर्षा की आशंका के चलते ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। सोलन और सिरमौर जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान फ्लैश फ्लड की चेतावनी दी गई है। प्रशासन ने लोगों से नदियों और नालों के समीप न जाने और सतर्कता बरतने की अपील की है।

135 ट्रांसफार्मर और 147 पेयजल योजनाएं बंद हो चुकी हैं

राज्य भर में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 53 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं। बिजली और पेयजल व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। 135 ट्रांसफार्मर और 147 पेयजल योजनाएं बंद हो चुकी हैं। कुल्लू जिला सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक है जहां 23 सड़कें बंद पाई गई हैं। निरमंड और आनी उपमंडलों में बिजली और जलापूर्ति व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। यहां 74 ट्रांसफार्मर और 118 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। मंडी जिले में 16 सड़कें बंद हैं और 59 ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे।

शासन मानसूनी कहर से निपटने के लिए अलर्ट मोड पर है

लाहौल-स्पीति में एक सड़क और एक ट्रांसफार्मर बंद हुआ है। किन्नौर जिले में 33 जल योजनाएं प्रभावित हैं। चंबा में तीन जल योजनाएं बंद पाई गई हैं जबकि तीसा उपमंडल में एक ट्रांसफार्मर निष्क्रिय हो गया है। शिमला जिले के रामपुर उपमंडल में दो जल योजनाएं प्रभावित हुई हैं वहीं सिरमौर जिले के शिलाई क्षेत्र में तीन सड़कें बंद हैं। इस बीच शासन मानसूनी कहर से निपटने के लिए अलर्ट मोड पर है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सभी जिलों के उपायुक्तों को 24 घंटे सतर्क रहने और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।

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