Tuesday, July 29, 2025

कांवड़ यात्रियों को बदनाम किया जा रहा, उन्हें उपद्रवी बोला जाता है : योगी आदित्यनाथ

WhatsApp Group (Join Now)
Telegram Group (Join Now)

-कुछ लोग समाज के बीच विघटन पैदा कर लोगों को मुख्यधारा से अलग करने का काम करते हैं : मुख्यमंत्री

वाराणसी, 18 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांवड़ यात्री पूरी श्रद्धा और भक्ति भावना से यात्रा करते हैं, लेकिन कुछ लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें उपद्रवी और आतंकवादी तक बोला जाता है। यह मानसिकता हर प्रकार से भारत की विरासत और आस्था को अपमानित करने का काम कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के अन्तिम दिन शुक्रवार को यहां राजघाट स्थित वसंता महिला महाविद्यालय में आयोजित ‘बिरसा मुंडा की विरासत, आदिवासी सशक्तीकरण और राष्ट्रीय आंदोलन’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इस संगोष्ठी का आयोजन महाविद्यालय और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।

मुख्यमंत्री योगी ने कांवड़ यात्रा को बदनाम करने और जातीय संघर्ष को हवा देने वालों को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस बारे में समाज को सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कांवड़ यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा, “आज कांवड़ यात्री अपनी भक्ति भावना से 200, 300, 400 किलोमीटर तक कांवड़ उठाकर हर-हर बम बोलते हुए चले जाते हैं, लेकिन उनका भी मीडिया ट्रायल होता है। उन्हें उपद्रवी और आतंकवादी तक बोला जाता है। यह मानसिकता हर प्रकार से भारत की विरासत और आस्था को अपमानित करने का काम कर रही हैं। यही लोग सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष फैलाने का काम करते हैं”….। समाज को बांटने का काम करते हैं। ऐसे लोगों से हमें सावधान रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग समाज के बीच विघटन पैदा कर लोगों को मुख्यधारा से अलग करने का काम करते हैं। इनके ऐसे ही कारनामे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्ती का संदेश देते हुए आम लोगों को भी सतर्क किया। उन्होंने एक घटना का उल्लेख कर कहा कि दो—तीन साल पहले ऐसे ही एक घटना हुई थी। एक आगजनी की घटना में एक व्यक्ति केसरिया भगवा गमछा ओढ़े था, बीच में अचानक गमछा निकलने पर उसके मुंह से निकला या अल्लाह…। समाज की एकता में ऐसे लोग बाधक है। ऐसे लोगों को चिन्हित करना चाहिए।

ऐसे लोग बातों से नहीं मानते-

मुख्यमंत्री ने कहा कि सावन का महीना चल रहा है। इससे पहले मुहर्रम था, हमने नियम बना दिये थे कि ताज़िये की लंबाई सीमित रखें। इससे बिजली,पेड़ की टहनी को नुकसान पहुंचता था। मुहर्रम पर नियम नहीं मानने पर जौनपुर में घटना हो गई । ताजिया को इतना ऊंचा किया कि हाई टेंशन लाइन की चपेट में आकर तीन लोग मारे गए। बाद में उपद्रव हुआ, तो मैंने कहा लाठी मारो इनको, बातों से नही मानेंगे। इसका किसी ने विरोध नही किया।

भगवान बिरसा मुंडा को स्मरण किया-संगोष्ठी में मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज के योगदान को भी सराहा और भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “भगवान बिरसा मुंडा ने आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। वह हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। जनजाति समाज हमेशा हमारे साथ खड़ा रहा है, चाहे वह भगवान राम के साथ हो, भगवान श्रीकृष्ण के साथ हो, हल्दीघाटी युद्ध के समय हो, या फिर महाराणा प्रताप और शिवाजी महाराज के समय हो।”

संगोष्ठी में मौजूद पद्मश्री अशोक भगत ने भी बिरसा मुंडा की बहुआयामी विरासत पर चर्चा की। संगोष्ठी का उद्देश्य बिरसा मुंडा की विरासत को और अधिक उजागर करना था। साथ ही आदिवासी समाज की भूमिका को समाज में सही ढंग से प्रस्तुत करना था। इस संगोष्ठी पर 100 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत होने हैं। जो आदिवासी अधिकारों, सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर आधारित हैं।

महाविद्यालय की संयोजक प्रो. अंजना सिंह ने बताया कि यह सेमिनार बिरसा मुंडा की बहुआयामी विरासत का पता लगाने का एक प्रयास है, जिसमें उनके द्वारा आदिवासी अधिकारों, सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए योगदानों को समझा जाएगा।

WhatsApp Group (Join Now)
Telegram Group (Join Now)
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

ट्रेंडिंग

Recent Comments